UP Cricket Board ने ठुकराया, Mumbai Cricket Association ने Yashasvi Jaiswal को अपना लिया

यशस्वी कहते हैं कि मुझे वो दिन भी अच्छे से याद हैं, जब मैं लगभग बेशर्म हो गया था। मैं अपने टीममेट्स के साथ लंच के लिए जाता था, ये जानते हुए कि मेरे पास पैसे नहीं हैं। मैं उनसे कहता था, पैसे नहीं हैं लेकिन भूख है। जब एक-दो टीममेट चिढ़ाते, तो मैं गुस्से में जवाब नहीं देता था, आंसू पीकर रह जाता था। ये सब बातें यशस्वी ने अपने बचपन के कोच आरिफ खान और परिवार को उस वक्त बिलकुल नहीं बताईं। उन्हें डर था कि सच्चाई पता चलने पर परिवार वापस बुला लेगा और फिर उनका हिंदुस्तान के लिए क्रिकेट खेलने का सपना अधूरा रह जाएगा।

Mumbai Cricket Association – Coach Jwala Singh

इसके बाद यशस्वी मुंबई के मशहूर क्रिकेट कोच ज्वाला सिंह के संपर्क में आए और शिद्दत के साथ मंजिल तक पहुंचने की कोशिश शुरू कर दी। इस बीच Mumbai Cricket Association अंडर-14 टीम का ट्रायल ले रही थी। जिस यशस्वी जयसवाल को यूपी क्रिकेट बोर्ड ने ठुकरा दिया था, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने खुली बाहों से अपना लिया। यशस्वी ने मुंबई की अंडर-14 टीम में खेलते हुए अगले 5 सालों में 50 शतक जड़ दिए। हर दूसरे मैच में यशस्वी का शतक लगभग पक्का रहता था। ऐसी असाधारण प्रतिभा वाला बल्लेबाज देखकर Mumbai Cricket Association में खलबली मच गई।

Mumbai Cricket Association
Mumbai Cricket Association

जिस मुंबई शहर में यशस्वी के पास सिर छिपाने के लिए छत नहीं थी, आज उसने उसी मुंबई में 5BHK फ्लैट खरीद लिया है। किसी फिल्मी कहानी में गरीब घर का लड़का पानीपुरी बेचकर रईस बन जाता है, यशस्वी जयसवाल ने इसे हकीकत में तब्दील कर दिया है। यशस्वी जायसवाल ने 21 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू पर शतक जड़कर इतिहास रच दिया है, भारतीय सलामी बल्लेबाज बन गए हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ डोमिनिका टेस्ट में उन्होंने 387 गेंदों का सामना किया और 171 रन बनाए।

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Mumbai Cricket Association – Coach Aarif Khan

उन्होंने अपनी पारी में 1 छक्का और 16 चौके लगाए। कहते हैं कि सच्चे दिल से की गई मेहनत कभी खाली नहीं जाती। यशस्वी जयसवाल जब Mumbai Cricket Association आए थे, तब यूपी क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें अंडर-14 टीम के ट्रायल से निकाल दिया था। यह देखकर सुरियावां, भदोही में कोच आरिफ खान का दिल टूट गया था। उन्होंने 7 साल की उम्र से यशस्वी को ट्रेनिंग देनी शुरू की थी। कोच का दिल कह रहा था कि अगर लड़का बड़े शहर जाएगा तो बड़ा मुकाम बनाएगा।

यशस्वी ने उसी उम्र में बहुत सारे फंसे हुए मैच अपनी टीम को बल्ले के दम पर जिताए। प्रतापगढ़ जिले में जीत के लिए 8 रन बाकी थे और नन्हे यशस्वी को गेंदबाज ने 2 बाउंसर मार दिए। दोनों गेंद सीमा रेखा पार 4 रन और टीम विजयी। उस वक्त दर्शकों ने यशस्वी को खूब सारे पैसे दिए थे। कोच ने तो ठान लिया था, लेकिन परिवार इनकार कर गया।

Two Brothers In Mumbai Cricket Association

दरअसल यशस्वी के बड़े भाई तेजस्वी जयसवाल भी उसी Mumbai Cricket Association क्लब की तरफ से क्रिकेट खेलते थे। वह यशस्वी से उम्र में 2 साल बड़े थे। तेजस्वी का भी बतौर लेफ्ट हैंड सलामी बल्लेबाज इलाके में भौकाल था। पिता की चूने की दुकान थी। यशस्वी कोचिंग की फीस के तौर पर चूना ही देते थे क्योंकि आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पेरेंट्स ने कहा कि बड़े बेटे को मुंबई लेते जाइए, लेकिन छोटे वाले को घर पर रहने दीजिए। आखिरकार माता-पिता यशस्वी को Mumbai Cricket Association भेजने के लिए राजी हो गए। मुंबई के नालासोपारा में यशस्वी जायसवाल का पहला आशियाना था।

Mumbai Cricket Association – Group Practice

वह वहीं से अपने ग्रुप के साथ प्रैक्टिस करने आजाद मैदान जाया करते थे। इस बीच यशस्वी के अंकल का किराए का घर उतना बड़ा नहीं था, Mumbai Cricket Association जहां रह कर वह अपनी क्रिकेट की तैयारी जारी रख सकें। यहां से यशस्वी ने काल्बादेवी डेयरी में रात के आशियाने की उम्मीद में काम किया। एक दिन ये कहते हुए यशस्वी का पूरा सामान फेंक दिया गया कि वह कुछ नहीं करता है। उनकी सहायता नहीं करता, बल्कि दिनभर क्रिकेट के अभ्यास के बाद थक कर चूर हो जाने के कारण सो जाता है।

Eyes Problems

इसके बाद कई दिनों तक भूखे-प्यासे गुजरने के बाद यशस्वी को आजाद मैदान के टेंट में रहने की जगह मिल गई। भीषण गर्मी के दौरान उस टेंट में सो पाना बहुत मुश्किल होता था। इसलिए यशस्वी अक्सर रात में बीच मैदान बिस्तर लगाते थे। पर खुले में सोने का नतीजा हुआ कि एक रात यशस्वी के आंख में कीड़े ने काट लिया। उनकी आंख बहुत ज्यादा फूल गई थी।

यशस्वी के पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह डॉक्टर के पास जा सकें और अपनी आंख का इलाज करवा सकें। उस दिन के बाद से चाहे कितनी भी गर्मी क्यों ना हो, यशस्वी टेंट में ही सोते थे। इसके बाद गुजारा करने के लिए आजाद मैदान में होने वाली रामलीला में यशस्वी पानीपुरी और फल बेचने में मदद करने लगे। ऐसी कई रातें आईं, जब साथ रहने वाले ग्राउंड्समैन से उनकी लड़ाई हो गई और बदले में यशस्वी को भूखा ही सोना पड़ा।

During RAMLEELA Festival

रामलीला के दौरान कई बार यशस्वी के साथ प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ी उनकी दुकान पर गोलगप्पे खाने आ जाते थे। यशस्वी को उस वक्त बहुत शर्म आती थी। यशस्वी देखते थे कि दूसरे खिलाड़ियों के लिए उनके माता-पिता लंच लेकर आते थे। पर यशस्वी को तो टेंट में ब्रेकफास्ट मिलता नहीं था, लंच और डिनर भी खुद से रोटी और सब्जी बनाने पर नसीब होता था।

ऐसा तूफानी प्रदर्शन देखकर यशस्वी को भारत की अंडर-19 टीम में शामिल कर लिया गया। इधर यशस्वी ने वाइट बॉल से खेले जाने वाले विजय हजारे ट्रॉफी में पूरा भौकाल कर दिया। Mumbai Cricket Association की सीनियर टीम की तरफ से बतौर सलामी बल्लेबाज उन्होंने अपने पहले ही मुकाबले में 113 रन जड़ दिए। उस टूर्नामेंट में उनका सर्वाधिक स्कोर 203 रन रहा। उस सीजन यशस्वी ने 1 अर्धशतक, 2 शतक और 1 दोहरे शतक की मदद से विजय हजारे ट्रॉफी के 6 मुकाबलों में 564 रन ठोक दिए।

Mumbai Cricket Association – 400 Runs

अब यशस्वी धीरे-धीरे देश की निगाह में आने लगे थे। भारत 2020 में अंडर-19 वर्ल्ड कप खेलने के लिए तैयार था और यशस्वी की फॉर्म बता रही थी कि उन्हें टीम से बाहर रखने का जोखिम मोल नहीं लिया जा सकता। दक्षिण अफ्रीका में खेले गए इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने फाइनल तक का सफर तय किया। बाउंसी विकेट पर यशस्वी ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 400 रन बनाए।

इस दौरान उन्होंने 1 शतक और 4 अर्धशतक लगाए। भारत बांग्लादेश के हाथों 3 विकेट से फाइनल जरुर हार गया लेकिन मैन ऑफ द सीरीज चुने गए यशस्वी जयसवाल का नया सफर शुरू हो चुका था। वर्ल्ड कप के ठीक बाद हुए IPL ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स ने यशस्वी को 2.4 करोड़ में खरीद लिया लेकिन सिर्फ 3 मैच खेलने का मौका दिया।

Mumbai Cricket Association – 100 By Yashasvi

यशस्वी समझ गए थे कि IPL की प्लेइंग XI में आने के लिए उन्हें कुछ विशेष करके दिखाना होगा। 2021-22 की रणजी ट्रॉफी में यशस्वी ने 3 मुकाबलों में ही 3 शतक और 1 अर्धशतक के साथ 498 रन जड़ दिए। वह Mumbai Cricket Association की तरफ से क्वार्टरफाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल में उतरे थे। सेमीफाइनल की दोनों पारियों में यशस्वी ने शतक ठोका था। मुंबई को रणजी चैंपियन बनाने के बाद यशस्वी वेस्ट जोन की तरफ से दलीप ट्रॉफी खेलने उतरे। पहले ही मैच में 228 रन और फाइनल में 265 रन।

यशस्वी ने अकेले दम पर वेस्ट जोन को दलीप ट्रॉफी चैंपियन बना दिया। यशस्वी को इस प्रदर्शन के आधार पर इंडिया ए टीम में चुन लिया गया। उन्होंने यहां भी बांग्लादेश के खिलाफ ताबड़तोड़ शतक ठोक दिया। 2023 की शुरुआत में यशस्वी रेस्ट ऑफ इंडिया की तरफ से खेलने उतरे और रणजी ट्रॉफी चैंपियन मध्य प्रदेश के खिलाफ दोहरा शतक जड़कर टीम को चैंपियन बना दिया। पर 2021 और 2022 के IPL में यशस्वी का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा।

Mumbai Cricket Association – IPL 2021

IPL 2021 में 10 मैच खेलकर 1 अर्धशतक के सहारे 249 तो वहीं 2022 में 10 मुकाबलों में उनके बल्ले से 2 अर्धशतकों की मदद से 258 रन ही निकले। हालांकि राजस्थान रॉयल्स को उनपर पूरा भरोसा था। इसलिए टीम ने उन्हें 2022 मेगा ऑक्शन रिटेन किया था। आखिरकार IPL 2023 में यशस्वी ने अपनी टीम का भरोसा सूद समेत वापस किया। उन्होंने 14 मुकाबलों में 163.61 की स्ट्राइक रेट के साथ 5 अर्धशतक और 1 शतक की मदद से 625 रन ठोक दिए।

नतीजा यह रहा कि वह इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए। यशस्वी ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट के 15 मुकाबलों की 26 पारियों में 80.21 की औसत से 1845 रन बनाए हैं। इस दौरान उसके बल्ले से 2 अर्धशतक और 9 शतक आए हैं। यशस्वी जयसवाल का क्रिकेटिंग करियर 8 साल की उम्र में दिसंबर-जनवरी की कड़कती ठंड में ट्रक की छत पर सफर करते हुए मैच खेलने से शुरू हुआ था। वह क्लब की ओर से यूपी के अलग-अलग जिलों में लेदर बॉल मैच खेलने जाते थे।

Thanks! Mumbai Cricket Association

आखिरकार 21 साल की उम्र में यशस्वी को अपनी कड़ी तपस्या का फल मिला। उन्होंने 12 जुलाई को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और पहली ही पारी में ताबड़तोड़ शतक बना दिया। उम्मीद है कि यशस्वी ODI वर्ल्ड कप, 2023 में भी नजर आएंगे। बल्ले के जोर पर टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाएंगे। शतकों का अंबार लगाएंगे।

Mumbai Cricket Association – Video

अपनी बल्लेबाजी से मचाएगा जमकर बवाल
शतकों की बौछार करेगा यशस्वी जायसवाल

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